Wednesday, August 29, 2018

वाजपेयीजी को भावभीनी श्रद्धांजलि

सीमा जागरण मंच रक्सौल की अगुआई में  संभावना, नेपाल हिन्दी–साहित्य परिषद तथा सत्याग्रह के तत्वावधान में दिनांक २३.०८.२०१८ को रक्सौल के पंचायती  मन्दिर के सभागार में भारत के पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी बाजपेयी की श्रद्धांजलि–सभा आयोजित की गई जिसमें भारत और नेपाल के सीमाई इलाकों के कई कवियों साहित्यकारों, पत्रकारों एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया । कार्यक्रम के दौरान सभी वक्ताओं ने वाजपेयी को भारत के कहान नेता के रूप में चर्चा की तथा उनके जीवन के विभिन्न पक्षों का उद्घाटन किया । इस अवसर पर कविताओं तथा गीतों के द्वारा भी उन्हें श्रद्धांजलि दी गई । इस कार्यक्रम का संचालन कर रहे भाजपा के नेता तथा सामाजिक कार्यकर्ता श्री महेश अग्रवाल ने यह कहा कि वे भारत के सर्वमान्य राजनेता थे । आणविक परीक्षण तथा स्वर्णिम चतुर्भुज राष्ट्र को उनका विशिष्ट अवदान है । इस बात का भी उल्लेख हुआ कि उनका राजनैतिक कद इसलिए इतना बढ़ा क्योंकि उनका साहित्यिक पक्ष मजबूत था । इस अवसर पर संभावना के अध्यक्ष भरत प्रसाद गुप्ता, स्थानीय केसीटीसी महाविद्यालय के हिन्दी के विभागाध्यक्ष प्रो. डॉ. हरीनद्र हिमकर, प्रो. राजकिशोर प्रसाद, प्रो. डॉ. स्वयंभू शलभ, नेपाल हिन्दी साहित्य परिषद् के अध्यक्ष तथा पूर्वअध्यक्ष क्रमशः कुमार सच्चिदानन्द सिंह, श्री ओम प्रकाश सिकरिया, पत्रकार श्री चन्द्रकिशोर तथा रीतेश त्रिपाठी आदि की उपस्थिति थी । इस अवसर पर कवि तथा गायक सतीशचन्द्र झा ने अपने गीत के द्वारा उन्हें श्रद्धांजलि दी जबकि गजलगो ऋतुराज ने अपनी गजलों के द्वारा । भाषण, गायन, वादन तथा काव्य पाठ के द्वारा एक तरह से इस कार्यक्रम में दिवंगत प्रधानमंत्री के साहित्यिक व्यक्तित्व को श्रद्धांजलि दी गई । 

नेपाल हिन्दी साहित्य परिषद के नए अध्यक्ष

नेपाल हिन्दी साहित्य परिषद् के नए अध्यक्ष के रूप मे कुमार सच्चिदानन्द सिंह ने दायित्व संभाला है । इसकी घोषणा परिषद के निवर्तमान अध्यक्ष श्री ओम प्रकाश सिकरिया ने दिनांक १७.०८.२०१८ को आयोजित ‘तुलसी–जयंती’ के अवसर पर की । ज्ञातव्य है कि परिषद की स्थापना वरिगंज के वयोवृद्ध साहित्यकार श्री दीपनारायण मिश्र की अध्यक्षता में वि. सं. २०५८ में हुई थी । इनके बाद श्री सिकरिया ने अध्यक्ष का पदभार ग्रहण किया तथा लगभग एक दशक तक इसे नेतृत्व दिया । इस तरह श्री सिंह परिषद् के तीसरे अध्यक्ष हैं और उनके कार्यकाल में परिषद की गतिविधियों में और गति की संभावना जतलायी जा रही है ।  

Tuesday, August 28, 2018

वीरगंज में तुलसी–जयंती

दिनांक १७ अगस्त २०१८ को ‘नेपाल हिन्दी साहित्य परिषद्’ के तत्वावधान में संत और महाकवि ‘तुलसी–जयंती’ मनायी गई । इस अवसर पर नेपाल के बहुभाषिक साहित्यकार गोपाल अश्क की कृतित्व तथा व्यक्तित्व पर आधारित पुस्तक ‘बहुभाषिक साहित्यकार गोपाल अश्क: यात्रा र आयाम’  का लोकार्पण किया गया । इस कार्यक्रम की अध्यक्षतता नेपाल हिन्दी साहित्य परिषद के अध्यक्ष श्री ओम प्रकाश सिकरिया ने की जबकि मुख्य अतिथि के आसन को भारतीय महावाण्ज्यि दूतावास, वीरगंज के उप–महावाण्ज्यिदूत श्री रमेश चतुर्वेदी ने सुशोभित किया । विशिष्ट अतिथि के रूप में शहर के प्रतिष्ठित व्यवसायी तथा नेपाली साहित्य के आख्यानकार श्री गणेश प्रसाद लाठ मंच पर उपस्थित थे । विशिष्ट आमंत्रित के रूप में के.सी.टी.सी. महाविद्यालय के हिन्दी विभाग के विभागाध्यक्ष एवं कवि प्रो. डॉ. हरीन्द्र हिमकर, मानस कथावाचक श्री विक्रम साह, प्रतिष्ठित व्यवसायी तथा समाजसेवी श्री जगदीश अग्रवाल, नेपाली काँग्रेस के वरिष्ठ नेता तथा पूर्व मंत्री एवं सांसद श्री सुरेन्द्र चौधरी, सामाजिक कार्यकतृ, शिक्षाविद श्रीमती डॉ. सुषमा तिवारी तथा कवि एवं आख्यानकार गोपाल अश्क मंच पर आसीन थे । कार्यक्रम का उद्घाटन मंचासीन अतिथियों ने महाकवि तुलसी के चित्र पर पुष्प अर्पण तथा दीप प्रज्ज्वलित कर किया तथा इसी के अनन्तर श्री 3 चन्द्र मुनि वेद–वेदांग संस्कृत विद्यालय के बटुकों ने तुलसी रचित ‘श्री रामचन्द्र कृपालु भजुमन हरण भव भय दारणम्...’ का सस्वर वाचन किया । इस अवसर पर रक्सौल से पधारे श्री ब्रजभूषण जी ने तुलसी की रचनाओं का गायन कर, आदापुर से पधारे सेवानिवृत शिक्षक ने बाँसुरी पर तुलसी की रचनाओं का वादन कर तथा कवि रामपुकार सिंह जाहिल तथा मोतीउर्र रहमान ने तुलसी के जीवन पर आधारित मौलिक रचनाओं का गायन कर कार्यक्रम को सांगीतिक तथा आध्यात्मिक स्वरों से भर दिया । नेपाल में हिन्दी के प्रयोग के प्रोत्साहन के लिए स्कूली छात्र–छात्राओं को भी कविता–वाचन के लिए आमंत्रित किया गया था जिनमें स्वप्निल सिंह, अंजलि सिंह, श्रेया सिंह, रिद्धि राजगढ़िया आदि छात्र–छात्राओं ने प्रभावोत्पादक शैली में तुलसी के जीवन पर आधारित मौलिक रचनाओं का वाचन किया । कविता पाठ के इसी सत्र में स्तम्भ–लेखिका एवं पत्रकार बिम्मी शर्मा तथा छंद में लिख रहीं अनिता साह ने अपनी–अपनी रचनाओं का वाचन एवं गायन किया । इस सत्र का संचालन सुकंठ कवि सतीचन्द्र झा सजल ने किया । इस कार्यक्रम में लोकार्पित पुस्तक की समीक्षा करते हुए डॉ. विश्वम्भर शर्मा ने गोपाल अश्क के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए उनकी लेखकीय क्षमता और गुणवत्ता पर तो प्रकाश डाला ही साथ ही यह भी रेखांकित किया कि वीरगंज की धरती से ऊपर उठने वाले साहित्यकारों में डॉ. ध्रुवचन्द्र गौतम के बाद गोपाल अश्क सबसे बड़ा नाम हैं । इस अवसर पर बोलते हुए श्री विक्रम शाह ने तुलसी साहित्य तथा रामचरितमानस से सम्बन्धित अनेक ऐसी सूचनापरक जानकारियाँ दी जिसे सुनकर श्रोतागण चकित और मुग्ध हो गए । इस अवसर पर बोलते हुए उपमहावाणिज्यदूत श्री चतुर्वेदी ने तुलसीदास के व्यक्तित्व उवं कृतित्व पर प्रकाश डाला । इस अवसर पर तुलसी साहित्य पर आधिकारिक वक्तव्य देते हुए प्रो. हिमकर ने तुलसी साहित्य की युगीन सान्दर्भिकता पर प्रकाश डाला । इस कार्यक्रम में बोलते हुए समाजसेवी श्री अग्रवाल ने इस बात के प्रति चिन्ता जतलायी कि मौजूदा समय में हम इन मनीषियों को भूलते जा रहे हैं जो हमें अपसंस्कृति की ओर ले जा रहा है । अगर हम समय रहते नहीं चेते तो बाद की पीढि़यों के लिए अपनी परम्पराओं को समझना भी मुश्किल हो जाएगी । इस अवसर पर अपना मंतव्य व्यक्त करते हुए पूर्व मंत्री श्री चौधरी ने तुलसी के साहित्य को उस चिंतन परंपरा का अंश बताया जिससे मध्यकाल में न केवल भारत बल्कि पूरा विश्व प्रभावित हुआ था । इसलिए इसके मूल्यों की शाश्वतता की ओर भी उन्होंने संकेत किया । कुल मिलाकर यह एक सफल आयोजन था जिसका संचालन कुमार सच्चिदानन्द सिंह ने किया ।

विश्व हिन्दी दिवस पर बाल कविता प्रतियोगिता आयोजित

२७ जनवरी २०१८ को बीरगंज (नेपाल) के समाज सेवक संघ के सभागार में नेपाल हिन्दी साहित्य परिषद ने विश्व हिन्दी दिवस के अवसर पर बाल हिन्दी कविता प्रतियोगिता का आयोजन किया. इस समारोह में मुख्य अतिथि पूर्व सांसद सुरेन्द्र प्रसाद चौधरी तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रदेश नम्बर २ के विधायक राजेश्वर प्रसाद साह थे. कार्यक्रम की अध्यक्षता परिषद के अध्यक्ष ओम प्रकाश सिकरिया तथा संचालन कुमार सच्चिदानंद सिंह ने किया. कार्यक्रम का संयोजन परिषद के सचिव सतीश चन्द्र सजल ने किया. द्विसदस्यीय निर्णायक मंडल में प्रसिद्ध गजलकार गोपाल अश्क तथा कवियात्री अनिता साह थी. इस बार पुरस्कारों की व्यवस्था दो समूहों में की गई थी. समूह  में पर्सा जिल्ला के शहरी क्षेत्र के विद्यालय थे तथा समूह  में ग्रामीण क्षेत्र से आए प्रतिभागियों को रखा गया था. समूह  से प्रथम द्वितिय, तथा तृतीय पुरस्कार क्रमशः रश्मि पाण्डेय, अंजली कर्ण, हर्ष कर्ण ने प्राप्त किया. श्रेया सिंह को समूह  में सांत्वना पुरस्कार दिया गया. समूह  से प्रथम द्वितिय, तथा तृतीय पुरस्कार क्रमशः गुडिया मिश्र, रश्मि कुमारी तथा ओम चौरसिया को दिया गया. समूह  से सान्तवना पुरस्कार रोशन कुमार साह तथा मिथिला सरार्फ को प्रदान किया गया.