नेपाल कें अधिकांश क्षेत्र मे हिन्दी आम भाषा की तरह बोली जाती है और बहुसंख्य लोग हिन्दी बोल या समझ सकते है । इसके बावजूद हिन्दी का विकास यहाँ एक बोलचाल की भाषा के रुप में मात्र रहा है । ज्ञान-विज्ञान, साहित्य, संस्कृति और कला की समृद्ध भाषा के रुप में जो सम्मान उसे मिलना चाहिए था वह नही मिल पाया । इन परिस्थितियो को देखते हुए, हिन्दी, भोजपुरी तथा संस्कृत के मनीषी एवं लेखक पँ. दीप नारायण मिश्र जी ने वि.सं. २०५० में नेपाल हिन्दी साहित्य परिष्द का गठन किया तथा यह संस्था सतत् रुप से हिन्दी के विकास के लिए काम कर रही है । इस संस्था का औपचारिक पंजीकरण वि.सं. २०५८ साल वैशाख २ गते के दिन सम्पन्न हुआ ।
नेपाल की अधिकांश भाषाएँ देवनागरी लिपि का ही प्रयोग करती है । इस नाते सभी भाषाओं के बीच सुमधुर सम्बन्ध-सेतु बनाने की आवश्यकता है । सभी भाषाएँ परस्पर सहयोग से ही विकसित हो सकती है । हिन्दी अपनी भाषिक विशेषताओं, सरलता, सहजता, शाब्दिक उदारता और साहित्यिक समृद्धि के कारण सारे विश्व मे निरन्तर लोकप्रिय हो रही है । हिन्दी की इस व्यापकता और विशालता के पीछे विश्वभर मे फैले हिन्दी भाषीओं का महत्वपुर्ण योगदान है । शायद ही विश्व का कोई देश हो, जहाँ कोई हिन्दी भाषी या हिन्दी प्रेमी न हो । हिन्दी सही मायने मे विश्व भाषा बनने की ओर अग्रसर है । लेकिन यह यात्रा चूनौतियों से भरी है । मौजूदा चुनौतियों का व्यावहारिक समाधान ढुंढने तथा समय सापेक्ष गतिशीलता एवं विकास के लिए नेपाल हिन्दी साहित्य परिषद् कृतसंकल्प है ।
नियमित कार्यक्रम
१) तुलसी जयन्ती के अवसर पर प्रवचन एवं कवि गोष्ठी का आयोजन ।
२) बुद्ध जयन्ती के अवसर पर प्रवचन एवं कवि गोष्ठी का आयोजन ।
३) सूरदास एवं मीरा जयन्ती के अवसर पर कार्यक्रम आयोजन ।
४) होली के अवसर पर बसन्तोत्सव का आयोजन ।
५) नेपाल एवं सीमावर्ती क्षेत्र के हिन्दी साहित्यकारो को सम्मानित करना ।
भावी योजना
१) नेपाली भाषा के सहित्य को हिन्दी भाषा मे तथा हिन्दी भाषा के साहित्य को नेपाली भाषा मे अनुवादित एवं प्रकाशित करना ।
२) नेपाल की देवनागरी लिपि प्रयोग करने वाली भाषाओ के बीच सुमधुर सम्बन्ध निर्माण करना ।
३) देवनागरी लिपि के कम्प्युटर प्रयोग को प्रोत्साहित करना तथा सहज बनाना ।
४) हिन्दी भाषा के साहित्य के माध्यम से देश की संस्कृति का संरक्षण एवं सर्म्बर्द्धन करना ।
५) हिन्दी प्रेमीयों के लिए कवि सम्मेलन, गोष्ठी एवं अन्य साँस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करना ।
६) नेपाल के हिन्दी भाषा के विद्वान महानुभावो को सम्मानित एवं पुरस्कृत कर प्रोत्साहित करना ।
७) पुस्तकालय एवं विद्यालयांे को हिन्दी साहित्य एवं ज्ञान-विज्ञान की पुस्तके उपलब्ध करवाना ।
८) हिन्दी भाषा एवं साहित्य के शिक्षण एवं विकास से सम्बन्धित देशी विदेशी संस्थाओ के साथ सम्बन्ध स्थापित कर उनके कार्यो मे सहयोग एवं समन्वय करना ।
९) इन्टरनेट पर वेभपृष्ठ बनाकर हिन्दी साहित्य को र्सवसुलभ बनाना तथा सामान्य जनों को शौकिया लेखन कार्य के लिए प्रोत्साहित करना ।
१०) नेपाल से हिन्दी भाषा के विद्वानो एवं भाषा सेवी व्यक्तियो को देश विदेश मे आयोजित होने वाले सम्मेलन एवं कार्यक्रम मे भाग लेने का प्रबन्ध करना ।
११) हिन्दी विषय के पठन पाठन के लिए छात्रो एवं शिक्षण संस्थाओ को प्रेरित एवं प्रोत्साहित करना
१२) छात्र-छात्राओ के बीच हिन्दी भाषा मे निबन्ध, प्रवचन एवं काव्य लेखन प्रतियोगिता का आयोजन
१३) हिन्दी भाषा साहित्य के अग्रणी रचनाकारो, लेखको तथा कवियो को आमन्त्रित कर गोष्ठी आयोजन करना ।
नेपाल हिन्दी साहित्य परिषद्
केन्द्रीय कार्यालय,
पो.ब.नं. २६,
बीरगंज - नेपाल
8 comments:
अच्छा प्रयास है ओम जी,
ज़ारी रहे।
शैलेश भारतवासी
हिन्दी चिट्ठाजगत में आपका स्वागत है. नियमित लेखन के लिए मेरी हार्दिक शुभकामनाऐं.
वर्ड वेरिपिकेशन हटा लें तो टिप्पणी करने में सुविधा होगी. बस एक निवेदन है.
अच्छी शुरुआत! कार्य जारी रहे!
स्वागत
अच्छा प्रयास है, 'ई-हिन्दी साहित्य सभा' से जुड़ें
हम सब के सम्मलित प्रयास से ही इन्टरनेट पर भी हिन्दी को उचित मान मिल सकेगा। -शम्भु चौधरी
परिचय देखकर अच्छा लगा। बधाई।
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